जाको राखे साइयां, मार सके ना कोय पर निबंध Essay On Jako rakhe Saiyan maar sake na koi In Hindi: हिंदी की कई कहावते सूक्ति समाज में बेहद प्रचलित हैं जो जीवन के कुछ अनसुलझे रहस्यों को भी बताती हैं.
ऐसी ही एक कहावत है जाको राखे साइयां मार सके न कोय इसका अर्थ यह है कि जिस पर ईश्वर की कृपा दृष्टि होती हैं उसका कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता हैं.
Jako rakhe Saiyan maar sake na koi In Hindi

यह हमारे समाज में सर्वप्रचलित धारणा है जिसका आशय हैं कि जिनकी रक्षा स्वयं ईश्वर करते हैं उन्हें कोई भी नुकसान नहीं पंहुचा सकता हैं. भले ही सारा जग उसका दुश्मन हो जाए उसे कोई आंच नहीं आएगी.
जब तक व्यक्ति ईश्वर में विश्वास करता है ईश्वर उसकी स्वयं रक्षा करते हैं. तथा उसे आश्रय देते हैं. अर्थात जिसकी रक्षा स्वयं ईश्वर करे उसे कोई नहीं मार सकता हैं.
हम सभी का विश्वास हैं कि प्रकृति के रचयिता ईश्वर हैं वे ही सभी के संचालक हैं जिन्होंने इस ब्रह्माण्ड की रचना की. पृथ्वी उसी ब्रहमांड का हिस्सा हैं जिसका प्रत्येक कण कण अंश अंश चाहे वह मानव, प्राणी, पेड़ पौधे, नदी, तालाब, झरने सभी उसी के द्वारा निर्मित हैं.
समस्त सजीव व निर्जीव पदार्थ उसी की इच्छा के मुताबिक़ कार्य करते हैं. प्रकृति का संचालन करने वाला ईश्वर सर्वव्याप्त हैं सर्वशक्तिशाली हैं.
जन्म मरण पर उसी का वंश चलता हैं. यही वजह है कि हम मानते हैं जिस पर ईश्वर की कृपा होती हैं उसका कोई कुछ नहीं बिगाड सकता. सभी निर्माण व विनाश की शक्तियों का स्वामित्व तो उसी के पास ही हैं.
इस प्रकृति में कुछ भी स्थिर अथवा अक्षुण्ण नहीं हैं. जिसनें जन्म लिया है अथवा उत्पत्ति हुई है उसे एक दिन काल के मुहं में समा जाना हैं. कई बार ऐसे उदाहरण देखने को मिलते है जिन्हें देखकर यकीन कर पाना मुश्किल होता हैं.
दुर्घटना अथवा किसी आपदा में मौत के मुहं में जाकर भी लोग बच जाते हैं तब इसे हम चमत्कार मान लेते हैं. दरअसल यह ईश्वरीय इच्छा का परिणाम होता हैं जो जिसे सुरक्षित रखना चाहता हैं उसे मौत के मुहं से भी उबार लेता हैं.
Essay
कई बार बाग़ बगीचे में हजारों यत्न के बाद भी हम पौधा उगा नहीं पाते हैं. वही जंगल में हम देखते है कि बिना यत्न के हजारो पेड़ और झाड़ियाँ लग जाती हैं. जिनकी कोई सुरक्षा का प्रबंध होता हैं न ही उसे कोई पानी या खाद डालने वाला होता हैं फिर भी वे ईश्वर की मर्जी से बस डटे रहते हैं.
तभी तो कहा गया हैं जिसकी रक्षा ईश्वर स्वयं करते हैं उसका कोई बाल बांका नहीं कर सकता तथा जिसे काल का ग्रास बनना है उसे कोई शक्ति उबार नहीं सकती.
हमारे पुराणों में ऐसी सैकड़ों कहानियां मिल जाएगी जिनमें ईश्वर की कृपा को बताया गया हैं ऐसी ही एक कहानी भक्त प्रह्लाद और राजा हिरन्यक्श्यपू से जुडी हैं जिसमें हिरण्यकश्यप हजारों प्रयत्न के बावजूद अपने पुत्र का वध नहीं कर पाता हैं.
वह इस प्रयास में अपनी बहिन होलिका को भी आग के हवाले कर देता हैं. ऐसी ही एक कहानी भक्त कवियित्री मीराबाई से जुडी हुई हैं जिसे मारने के लिए भोजराज जहर भेजता हैं मगर वह उसे अमृत समझकर पी लेती हैं.
संत कवि कबीरदास के वध लिए भी इस तरह के प्रयास किये जाते हैं उसे लोहे की जंजीरों में बांधकर नदी में फेक दिया जाता हैं मगर ईश्वरीय अनुकम्पा से उन्हें कोई नहीं मार पाया.
आज ही हम समाचार पत्रों में ऐसी विचित्र खबरे पढ़ते है जहाँ किसी दुर्घटना या प्राकृतिक आपदा के बाद भी लोग बच निकलते हैं. इस प्रकार के उदाहरण यह सिद्ध कर देते हैं कि जिसकी रक्षा परमात्मा स्वयं करते हैं उसका कोई भी कुछ नहीं बिगाड़ सकता हैं.
आज के वैज्ञानिक युग में इस तरह की बातों और विश्वास को केवल अन्धविश्वास माना जाता हैं. मगर विज्ञान भी ऐसी घटनाओं के आगे स्वयं को असमर्थ पाती हैं जहाँ एक दुर्घटना में सैंकड़ों जान जाने के बाद भी एक व्यक्ति के लिए जीवन रक्षा के साधन उपलब्ध हो जाते हैं.
महाभारत में दुर्योधन द्वारा पांडवों को लाक्षागृह में जीवित जलाने की घटना कुछ वैसी ही हैं मगर मामा विदुर के एक गुप्त संदेश से वे पांचाल जाकर बच निकलते हैं.
जाको राखे साइयां मार सके न कोय
हमारे बचपन से लेकर बड़े होने तक, हमने कई बार यह सुना है: “जाको राखे साइयां, मार सके ना कोई।” इसका अर्थ है, जिसे भगवान बचाते हैं, उसे कोई हानि नहीं पहुँचा सकता। यह कहावत हमें अक्सर स्कूल में या बुजुर्गों से सुनने को मिलती है।
जब हम छोटे थे, तब इसका मतलब समझना मुश्किल था। लेकिन बड़े होने पर इसका असली अर्थ स्पष्ट हुआ। भगवान जिसकी रक्षा करते हैं, उसे कोई हानि नहीं पहुँचा सकता। सामने वाला चाहे कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो।
कभी-कभी जीवन में कठिनाइयाँ आती हैं। ऐसी स्थिति में इंसान को कोई रास्ता नहीं दिखाई देता। फिर भी वह हार नहीं मानता। किसी तरह से वह अपने परिवार की देखभाल करता है। ऐसे लोगों के लिए कहा जाता है कि मुसीबतें उन्हें डरा नहीं सकतीं। उनके ऊपर भगवान का हाथ होता है।
इंसान चाहे माने या न माने, उसके पीछे कोई न कोई देवी-देवता जरूर होते हैं। वे उसकी और उसके परिवार की रक्षा करते हैं। इसलिए कहा जाता है कि भगवान जिसकी रक्षा करते हैं, उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। उसका बाल भी कोई बांका नहीं कर सकता।
अगर कभी हमारी जिंदगी में कोई दुर्घटना हो और हम बच जाएं, तो हमें यह मान लेना चाहिए कि कोई देवी-देवता हमारी रक्षा कर रहे हैं। उन्हीं की वजह से हम बड़ी से बड़ी दुर्घटना से सुरक्षित रहते हैं।
इंसानों की जिंदगी में रोजाना कुछ न कुछ दुर्घटनाएं होती रहती हैं। लेकिन भगवान की कृपा से वही बचता है, जिसकी रक्षा वे करते हैं।
इसीलिए हमें भगवान की पूजा करनी चाहिए। यदि वे हमसे प्रसन्न रहते हैं, तो हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। यह कहावत सच हो जाती है कि जिसे भगवान बचाते हैं, उसे कोई नहीं मार सकता।