प्लास्टिक की थैली की समस्या पर निबंध | Essay On Plastic Ki Thaili Ki Samasya In Hindi

नमस्कार आज के निबंध प्लास्टिक की थैली की समस्या पर निबंध Essay On Plastic Ki Thaili Ki Samasya Hindi में आपका हार्दिक स्वागत हैं.

पॉलीथिन बैग पर सरल भाषा में स्टूडेंट्स के लिए छोटा निबंध दिया गया हैं. उम्मीद करते है यह आपको पसंद आएगा.

प्लास्टिक की थैली की समस्या पर निबंध

प्लास्टिक की थैली की समस्या पर निबंध | Essay On Plastic Ki Thaili Ki Samasya In Hindi

प्रस्तावना

वर्तमान युग को प्लास्टिक का युग कहा जाये तो कोई अतिशयोक्ति न होगी. जीवन के हर क्षेत्र में सर्वव्यापी ईश्वर के समान प्लास्टिक उपस्थित हैं. गरीब से गरीब और अमीर से अमीर सबकी सेवा में पॉलीथिन बैग हाजिर हैं.

लाखों की कार में भी वह मौजूद है और टूटी झोपड़ी में भी. प्लास्टिक के असंख्य उत्पादों में जो सर्वव्यापक बना हुआ है वह है उसकी पॉलीथिन बैग.

बड़ी नाजुक काया वाली विविध रूप रंगों वाली ये पॉलीथिन बैग बाजार की जान हैं. ग्राहकों के हाथ की शान हैं.

बाजार की जान पॉलीथिन बैग

एक मित्र ने मुझसे एक पहेली पूछी- ग्राहक ले पैसा खड़ा, भरा दूकान में माल. एक चीज के बिन हुए दोनों ही बेहाल, वह चीज क्या हैं. वह चीज हैं पॉलीथिन बैग. प्लास्टिक थैलियों पर बाजार कितना आश्रित हो चुका हैं.

घर में हाथ मिलाते आइए, आपकी हर खरीद के लिए थैलियाँ सेवा में उपस्थित हैं. चाहे आप पांच रुपया का दूध खरीदिए या हजारों रुपये की साड़ी सब पॉलीथिन बैग में ही मिलेंगे. बस रंग रूप में फर्क हो जाएगा.

पॉलीथिन बैग बनी समस्या

पॉलीथिन बैग की सुलभता, सामान ले जाने की सुगमता,   सबसे सस्ता साधन  अनेक खूबियाँ थैलियों के पक्ष में जाती हैं. फिर लोग इनकी जान के पीछे क्यों पड़े हैं. छापे पड़ रहे हैं.

पॉलीथिन बैग जब्त की जा रही है. रेलियाँ और जुलूस निकालकर प्लास्टिक बैग्स का बहिष्कार करने की अपीलें की जा रही हैं. कपड़े और जूट के थैले बांटे जा रहे हैं. इन नाचीज सी थैलियों से आदमी इतना क्यों घबरा गया हैं.

इसका कारण हैं इन बेकसूर और मासूम दिखाई पड़ने वाली पॉलीथिन बैग के दुष्परिणाम. ये पॉलीथिन बैग अजर अमर हैं. न सड़ती हैं न घुनती हैं. जहाँ भी पहुच जाती हैं. अडकर पड़ जाती हैं.

अगर आपके नाली क्षेत्र में प्रवेश कर गई तो उसका गला अवरुद्ध हो जाएगा. पानी नालियों से जाने के बजाय आपके कमरे, आंगन में लहराएगा या फिर सड़कों और बाजारों में किलोल करता नजर आएगा.

पर्यावरण की दुश्मन

पॉलीथिन बैग पर्यावरण की शत्रु बन गई हैं. धरती में दबाएँ तो मिट्टी बेकार, जल में बहाएं तो जल प्रदूषित आग में जलाएं तो वायु में जहर घोल देती हैं. इनका निस्तारण एक कठिन समस्या बन गया हैं.

निर्धारित मानकों का प्रयोग न किये जाने से पॉलीथिन बैग में खाद्य पदार्थों का रखा जाना असुरक्षित हैं.

समाधान कैसे हो

पॉलीथिन बैग प्रतिबंधित और त्याज्य बनाने के लिए जो नाटक नौटंकी हो रहे हैं. वे कभी स्थायी रूप से समस्या का समाधान नहीं कर सकते. छोटे छोटे दुकानदारों या पॉलीथिन बैग विक्रेताओं को आतंकित करने से क्या होगा.

राजस्थान की भांति अन्य राज्यों में पॉलीथिन बैग के निर्माण पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया जाता. जब पॉलीथिन बैग मिलेगी ही नहीं तो लोग वैकल्पिक साधनों को अपनाएगे.

पॉलीथिन बैग के निर्माण में ऐसे पदार्थ का प्रयोग होना चाहिए जो विघटनशील हो. पर्यावरण के अनुकूल हो, सस्ता तथा सुलभ हो.

उपसंहार

पॉलीथिन बैग का निर्माण तथा प्रयोग सरकारी स्तर पर कठोरता से प्रतिबंधित होना चाहिए. लोगों में इनसें होने वाली हानियों के प्रति जागरूकता उत्पन्न की जानी चाहिए.

बुद्धिजीवी वर्ग को इस अभियान से जुड़ना चाहिए. इनका कोई विकल्प अवश्य ही उपलब्ध कराया जाना चाहिए.

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