महाराष्ट्र पर कविता | Poem On Maharashtra In Hindi

Poem On Maharashtra In Hindi: नमस्कार दोस्तों आज हम महाराष्ट्र पर कविता लेकर आए हैं. मेरा/हमारा महाराष्ट्र राज्य मेरे भारत की शान है जहाँ मुंबई है जो देश की धड़कन हैं.

मेरे महाराष्ट्र राज्य पर आज हिंदी में कविता प्रस्तुत कर रहे हैं. इन्हें महाराष्ट्र स्थापना दिवस पर बच्चें अपनी स्कूल में प्रस्तुत कर सकते हैं. कविता को यहाँ मराठी वर्जन में भी उपलब्ध कराया गया हैं.

महाराष्ट्र पर कविता | Poem On Maharashtra In Hindi

महाराष्ट्र पर कविता | Poem On Maharashtra In Hindi

Poem On Maharashtra: जय महाराष्ट्र मित्र, शिवाजी महाराजांची तपोभूमी येथे सिद्धी विनायक, साई बाबा आणि आई मुंजा देवी भाविकांमध्ये राहतात.

सुनील जी जोगी यांनी सावरकर, भोसले, सचिन या पुतळ्यांच्या पवित्र महाराष्ट्रावर उत्तम हिंदी कविता लिहिली आहे,

ती आम्ही येथे सादर करीत आहोत ज्यामध्ये महाराष्ट्राचा इतिहास, संस्कृती, सभ्यता आणि परंपरा दिसून येते.

महाराष्ट्र पर कविता (Maharashtra Hindi Poem)

जय महाराष्ट्र महान हमारा
भारत माँ की शान
सिद्धि विनायक, साईं
मुंबा देवी का वरदान
जय महाराष्ट्र

जीजा बाई वीर शिवाजी की है अमर कहानी
इस धरती जन्मे हैं सावरकर से बलिदानी
यहीं भोंसले का शासन था जिस की जग में धाक
इस के उद्योगों से ऊँची है भारत की नाक
यहाँ सचिन का बल्ला घूमे और लता की तान
जय महाराष्ट्र

यहाँ अजन्ता और एलोरा की प्राचीन गुफाएँ
यहीं खंडाला, महाबलेश्वर, सागर की सीमाएँ
यहाँ मराठी लोक कलाएं, लोग बड़े अलबेले
नागपुरी संतरे रसीले, और भुसावली केले
शिरडी वाले साईं करते हैं पूरे अरमान
जय महाराष्ट्र महान, हमारा भारत माँ की शान

यहाँ पे गणपति पूजन का त्योहार अनूठा जग में
भक्ति भाव जो भर देता है हम सब की रग रग में
इसी नगर में नामी और गिरामी होस्पिटल है
सभी विदेशी भी कहते हैं, डॉक्टर बहुत कुशल है
इन सब से दुनिया भर में है, भारत का सम्मान
जय महाराष्ट्र, महान हमारा, भारत माँ की शान

जुहू, चौपाटी, बांद्रा तो यहीं पे है धारावी
यही पुणे है, यहीं थाणे उद्योगों की चाभी
हाजी अली हिफाजत करते, मुम्बा देवी रक्षा
तारापुर में है संचालित अंतरिक्ष की कक्षा
रोजगार की खान यहाँ है, यहीं ज्ञान विज्ञान
जय महाराष्ट्र महान हमारा, भारत माँ की शान

सिने जगत उद्योग यहीं जिस पर जग ललचाता है
और लावणी पर सब का मन झूम झूम जाता है
वीर मराठों के साहस, पौरुष की थी अंगड़ाई
आजादी की इसी प्रान्त ने लम्बी ललड़ी लड़ाई
हिंदुस्तानी धरती पर यह सूबा है वरदान
जय महाराष्ट्र महान हमारा भारत की शान

मुंबई के डिब्बे वालों ने जग में इज्जत पाई
सब से पहली रेल यहीं से गोरो ने चलवाई
सच्चाई, ईमान, शराफत के सब पर जेवर हैं
वर्धा वाले संत विनोबा अब भी अजर अमर हैं
मेहनत के आगे लाचारी यहाँ पे अंतर्ध्यान
जय महाराष्ट्र महान हमारा, भारत माँ की शान.

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